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Energy
₹250.00
+ Free Shipping“ऊर्जा ” ना म ही शक्ति का पर्या य है अर्था त् ऊर्जा से नि हि त सम्पूर्ण संसा र ही नहीं अपि तु
ब्रह्मा ण्ड भी ऊर्जा रूपी शक्ति से लबा लब भरा पड़ा है । नि र्जी व- सजी व का इस संसा र में
अस्ति त्व सि र्फ उनमें संरक्षि त ऊर्जा का ही भा ग है क्यों कि सजी वो में ऊर्जा का आभा व
उसके परलो क गमन का का रण बनता है । ऊर्जा के कई रूप है या ये कहें कि संसा र का
प्रत्येक रूप ऊर्जा का ही स्वरूप है,
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